गते-गते उगेले चनरमा हो रामा
पवन खींचे अँचरा
दूर बहे नदिया पियासलि अँखिया
हाँफि-हाँफि उड़े मन खोलि दूनो पँखिया
पलक-अँजुरि भरि मोतिया हो रामा
सपन देला पहरा
निबिया के गँछिया प पसरे चँदनिया
सूई अस चुभे अँग-अँग में किरिनिया
लिलरा प चमके बिजुरिया हो रामा
मथवा प बदरा
झुरु-झुरू बहे अन्हुआइलि बयरिया
चिहुँकि-चिहुँकि उठि बोले कोइलरिया
सून लगे अँगना दुअरिया हो रामा
टूटि गइले असरा